31 दिसंबर तक ‘हर घर दस्तक’ से 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा करेगा भारत

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच देश में तेजी से वैक्सीनेशन के काम को बढ़ाया जा रहा है. ओमिक्रॉन के संक्रमण से बचा जा सके इसके लिए केंद्र सरकार 31 दिसंबर तक हर घर दस्तक के कार्यक्रम को शुरू करने का फैसला लिया. सरकार इसके माध्यम से इस साल के अंत 100 फीसदी वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा करेगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके कहा कि डो-टू-डोर प्रोग्राम में 100 प्रतिशत वयस्क टीकाकरण के लक्ष्य को रखा गया है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रविवार को भारत ने रविवार को पूरी तरह से टीकाकृत वयस्क आबादी के 50 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लिया है और यह पूरे देश के लिए बेहद गर्व का पल है. हम सब मिलकर कोविड के खिलाफ जारी लड़ाई को जीतेंगे.

50 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अंडमान निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश शामिल हैं, उत्तराखंड, त्रिपुरा शामिल हैं.

84 प्रतिशत व्यस्क आबादी को लगी वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में करीब 84.4 प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है. 50 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से कोविड की दोनों डोज देने के बाद अब देश में वैक्सीन ले चुके लोगों की संख्या 1,27,61,83,065 पहुंच गई है.

कर्नाटक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के आयुक्त डॉ. रणदीप ने कहा कि दूसरी खुराक कवरेज में हम तीसरे स्थान पर हैं. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक हम लगभग 75 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से वैक्सीन की दोनों डोज लगा चुके होंगे लेकिन पात्र आबादी की 95 फीसदी लोगों को दोनों डोज देने में कम से कम 45-60 दिन लगेंगे.

टीकाकरण को लेकर डब्ल्यूएचओ ने कही ये बात
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से निकलने वाला ओमिक्रॉन वेरिएंट ने सभी देशों में चिंता की लहर जगा दी है. दुनिया भर में सभी देश वैक्सीनेशन अभियीन में तेजी ला रही है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि महामारी से लड़ने में मौजूदा टीके कारगर हैं. अभी तक ऐसा कोई भी प्रूफ सामने नहीं आया है जिससे यह बात मालूम हो कि ओमिक्रॉन मौजूदा टीकों की क्षमता को कमजरो बनाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि हमें बूस्टर खुराक से ज्यादा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दे सकें.

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