रोड रेज मामले में शामिल थे सिद्धू, मिलनी चाहिए सजा- पंजाब सरकार
चंडीगढ़ : 1988 के गैर इरादतन हत्या मामले में पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को रोड रेज केस को लेकर हुई सुनवाई में पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि सिद्धू मामले में शामिल थे, उन्हें सजा मिलनी चाहिए. साथ ही याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दी गई तीन साल की सजा भी बरकरार रहने देना चाहिए.
पंजाब सरकार के वकील ने दो अभियुक्तों की सजा का बचाव करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराया है उन्हें सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिद्धू द्वारा कोर्ट में दिया गया बयान गलत है जिसमें उन्होंने खुद का बचाव किया था.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि आरोपी नंबर दो रुपिंदर संधू पर कैसे आरोप लगाए गए, जबकि एफआईआर में उसका नाम तक शामिल नहीं था. साथ ही कोर्ट ने पूछा कि सीआरपीसी एस 313 के तहत सिद्धू के बयान पर विश्वास क्यों नहीं किया जा सकता.
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि 1988 के इस रोड रेज मामले में हाईकोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को दोषी ठहराया है, इसलिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने कहा कि सिद्धू के खिलाफ लापरवाही से हुई मौत का नहीं बल्कि हत्या का मामला बनता है. क्योंकि सिद्धू को ये पता था कि वो क्या कर रहे हैं. उन्होंने जो किया समझबूझ कर किया, इसलिए उन पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए.
पंजाब सरकार के वकील द्वारा सिद्धू पर हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखने की मांग के बाद अकाली दल ने सीधे तौर पर उनसे इस्तीफा मांगा है. अकाली दल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू को इस्तीफा देना ही पड़ेगा. अगली सुनवाई में अगर सुप्रीम कोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखता है और 3 साल की सजा जारी रहती है तो ऐसी सूरत में सिद्धू को मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ सकता है.
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