हिंदी फ़िल्म जितना पैसा 2-3 शो से कमा सकता हूं: दिलजीत दोसांझ
नई दिल्ली :पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ हॉकी लेजेंड संदीप सिंह की बायोपिक में नज़र आएंगे. उनका कहना है की हॉकी को भारत के राष्ट्रीय खेल का सम्मान देना चाहिए वे मानते हैं कि ग्लैमर की कमी की वजह से हॉकी का खेल पीछे रह गया.
दिलजीत दोसांझ ने कहा, “हाल ही में मुझे पता चला की भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है. हॉकी को राष्ट्रीय खेल होना चाहिए.”
वहीं, देश में हॉकी खेल के पिछड़ने की वजह समझाते हुए दिलजीत कहते हैं,”मुझे लगता है ग्लैमर ही इसकी वजह है क्योंकि हम सब बाहर (पश्चिम) से बहुत प्रभावित हैं. संगीत में भी बाहरी आर्टिस्ट के टिकट रेट ज़्यादा होते हैं. अपने देश की फ़ुटबॉल टीम को इतना समर्थन नहीं मिलता लेकिन बाहर की फ़ुटबॉल टीम के मैच दिखाए जाते हैं. शायद हमारे देश के पूरे ढांचे में ही बाहरी चीज़ों का प्रभाव है.”
खेल से दूर-दूर तक कोई वास्ता ना रखने वाले दिलजीत के लिए हॉकी सीखना बेहद कठिन काम था. ‘सूरमा’ फ़िल्म के लिए उन्होंने सिक्स पैक ऐब्स भी बनाए. हालांकि, दिलजीत को निजी तौर पर सिक्स पैक ऐब्स बनाना पसंद नहीं है. उनका कहना है कि जब जबरन सिक्स पैक ऐब्स बनाना पड़ता है तो वो शरीर के लिए हानिकारक होता है
.पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री और पंजाबी फ़िल्मों में बड़ा नाम बन चुके दिलजीत दोसांझ हिंदी फ़िल्में सिर्फ़ शौकिया तौर पर कर रहे हैं. उनका कहना है कि जितने पैसे उन्हें एक हिंदी फ़िल्म करके मिलते हैं उतना वो 2-3 शो करके कमा सकते हैं. वे सिर्फ़ देखना चाहते हैं कि वह किस तरह की फ़िल्में कर सकते है और लोग उन्हें कैसी फ़िल्मों में ज़्यादा पसंद करेंगे.
दिलजीत ने साफ किया कि वह हिंदी फ़िल्मों में सिर्फ़ अभिनय करने आए हैं. उन्हें अपने संगीत के लिए बॉलीवुड की ज़रूरत नहीं है. हालांकि, उन्होंने माना की बॉलीवुड में गाने से आर्टिस्ट बड़ा हो जाता है पर वो बॉलीवुड में अभिनय से बड़ा बनना चाहते हैं.
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